दो बैलों की कथा
कहानी के माध्यम से प्रेमचंद जी ने एक ओर तो कृषक समाज
उन्होंने तत्कालीन भारतीय-समाज को अपनी स्वतंत्रता के प्रति
बेष्टा की कि स्वतंत्रता सहज में ही नहीं मिलती है। स्वतंत्रता पाने
भी करना आवश्यक है। तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्यवाद एवं अपन
सराहनीय है। उस समय किसी लेखक के द्वारा ब्रिटिश साम्र
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कहानी के माध्यम से प्रेमचंद जी ने एक ओर तो कृषक समाज
कहानी के माध्यम से प्रेमचंद जी ने एक ओर तो कृषक समाजउन्होंने तत्कालीन भारतीय-समाज को अपनी स्वतंत्रता के प्रति
कहानी के माध्यम से प्रेमचंद जी ने एक ओर तो कृषक समाजउन्होंने तत्कालीन भारतीय-समाज को अपनी स्वतंत्रता के प्रतिबेष्टा की कि स्वतंत्रता सहज में ही नहीं मिलती है। स्वतंत्रता पाने
कहानी के माध्यम से प्रेमचंद जी ने एक ओर तो कृषक समाजउन्होंने तत्कालीन भारतीय-समाज को अपनी स्वतंत्रता के प्रतिबेष्टा की कि स्वतंत्रता सहज में ही नहीं मिलती है। स्वतंत्रता पानेभी करना आवश्यक है। तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्यवाद एवं अपन
कहानी के माध्यम से प्रेमचंद जी ने एक ओर तो कृषक समाजउन्होंने तत्कालीन भारतीय-समाज को अपनी स्वतंत्रता के प्रतिबेष्टा की कि स्वतंत्रता सहज में ही नहीं मिलती है। स्वतंत्रता पानेभी करना आवश्यक है। तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्यवाद एवं अपनसराहनीय है। उस समय किसी लेखक के द्वारा ब्रिटिश साम्र