दो बैलों की कथा summary
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झुरी एक किसान था। जिसके पास हीरा और मोती नाम के दो बैल थे। वे दोनों ही ऊँचे डील-डौल व सुंदर कद-काठी के पछाहीं जाति के बैल थे। लंबे समय से एक–दूसरे के साथ रहते-रहते दोनों में अच्छा भाईचारा भी हो गया था।
वो कभी एक-दूसरे को चाटकर तो कभी सूंघकर अपना प्रेम प्रकट करते थे । दोनों आखों के इशारे से ही एक-दूसरे की बात भी समझ लेते थे।और कभी-कभी दोनों आपस में सींग भी मिला लिया करते थे लेकिन झगड़ने के लिए नहीं बल्कि यूं ही मजाक में ।
दो बैलों की कथा में बैलों के माध्यम से लेखक अपने विचार समाज के समक्ष रखता है। इस कहानी में दो मित्र बैल अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए संघर्ष करते हैं। यह कहानी दो बैलों के बीच में घनिष्ट भावात्मक संबंध को दर्शाती है। यह कहानी मनुष्य और जानवर के बीच में उत्पन्न परस्पर संबंध का सुंदर चित्र भी प्रस्तुत करती है।