Hindi, asked by jasmanjots67th67, 2 days ago

दो बात कही दो,बात सुनी| कुछ हंसी और कुछ रोए। छकक्‍्कर सुख-दुख के घूटो को | हम एक भाव से पिया चले ॥ इन पंक्तियों के भाव स्पष्ट करें?​

Answers

Answered by vasumore1212
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Answer:

दीवाने उन्हें कहते हैं जो हर हाल में मस्त रहते हैं। सुख या दुख का उनपर कोई गहरा प्रभाव नहीं पड़ता और वे वर्तमान काल में जीने में विश्वास करते हैं।

दीवानों की कोई हस्ती नहीं होती है, मतलब उन्हें इसका कोई घमंड नहीं होता कि वे कितने बड़े आदमी हैं, और ना ही इसका मलाल होता है कि उन्हें किसी चीज की कमी है। उनके साथ हमेशा मस्ती का आलम होता है और वे जहाँ भी जाते हैं गम को धूल में उड़ा देते हैं।

आये बनकर उल्लास अभी,

आंसू बनकर बह चले अभी

सब कहते ही रह गये अरे

तुम कैसे आये, कहाँ चले?

वे किसी जगह पर जाते हैं तो एक उल्लास की तरह सबमें जोश का संचार कर देते हैं। जब वे कहीं से जाते हैं तो आंसू की तरह जाते हैं। पीछे लोग अफसोस करते रह जाते हैं उनके चले जाने का।

किस ओर चले यह मत पूछो?

चलना है बस इसलिए चले

जग से उसका कुछ लिए चले

जग को अपना कुछ दिए चले

उनका काम होता है चलते रहना। दिशा कोई भी हो चलते रहने का नाम ही जिंदगी है। जो असली दीवाने होते हैं वो हमेशा संसार से कुछ लेते रहते हैं और बदले में उसे कुछ ना कुछ देते रहते हैं। उनकी जिंदगी में कभी भी कोई अर्धविराम नहीं आता है, पूर्णविराम तो बहुत दूर की बात है।

दो बात कही, दो बात सुनी

कुछ हँसे और फिर कुछ रोये

छककर सुख दुख के घूंटों को

हम एक भाव से पिए चले

वे लोगों से बातों के जरिये दुख सुख बाँटते हैं और सुख और दुख दोनों के घूँट छककर और मजा लेकर पीते हैं।

हम भिखमंगों की दुनिया में

स्वच्छंद लुटाकर प्यार चले

हम एक निसानी सी उर पर

ले असफलता का भार चले

कवि कहता है कि यह दुनिया वैसे लोगों से भरी पड़ी है जिनके दिल और दिमाग तंग होते हैं। प्यार बाँटने के मामले में अधिकतर लोग भिखारी की तरह होते हैं। लेकिन दीवाने अपना प्यार खुले हाथ से लुटाते फिरते हैं। इसके बावजूद कवि को लगता है कि दीवाने अन्य लोगों में उदारता की इस भावना को भरने में असफल हो जाते हैं। इसलिए दीवाने

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