Hindi, asked by saurabhrgdsaurabh, 6 months ago

दृढ संकल्प से दुविधा की बेड़ियाँ कट जाती हैं। मेरी दुविधा भी दूर हो गई। कुएँ में घुसकर
चिटटियों को निकालने का निश्चय किया। कितना भयंकर निर्णय था। पर जो मरने को तैयार हो,
उसे क्या ? मूर्खता अथवा बुद्धिमत्ता से किसी काम को करने के लिए कोई मौत का मार्ग ही
स्वीकार कर ले और वह भी जानबूझकर तो फिर वह अकेला संसार से भिड़ने को तैयार हो जाता
है। उसे फल की क्या चिंता। फल तो किसी दूसरी शक्ति पर निर्भर है। उस समय चिट्ठियाँ
निकालने के लिए मैं विषधर से भिड़ने को तैयार हो गया।
स्मृति पाठ के लेखक का नाम लिखिए।
किसकी दुविधा कैसे दूर हुई​

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Answered by kamiyasikdar169612
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Answer:

द संकल्प से अच्छे से अच्छा युद्ध भी जीत सकते हैं

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