दिए गए बिन्दुओं की सहायता से सदाचार विषय पर निबंध लिखिए-
(क) सदाचार का अर्थ
(ख) सदाचार का महत्व
(ग) सदाचार से लाभ
| (घ) सदाचार हीन चरित्र : निंदनीय
(ङ) उपसंहार
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Answers
मानव जीवन में सद्व्यवहार और सदाचरण का बहुत बड़ा महत्व है। व्यवहार की मृदुता और आचरण की शुचिता से न सिर्फ व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है।
सामाजिक प्राणी होने के नाते मनुष्य का यह कर्तव्य है कि वह सामाजिक नियमों का पालन करे। सामने वाले व्यक्ति से ऐसा व्यवहार करे जिससे अपनत्व की भावना जागृत हो। हम जैसा व्यवहार दूसरे के साथ करेंगे, वैसा ही व्यवहार दूसरा भी हमारे साथ करेगा।
दूसरे से अच्छे व्यवहार की अपेक्षा करने से पहले हमें उसके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। जीवन रूपी गाड़ी को बिना बाधाओं के चलाते रहने में सद्व्यवहार महती भूमिका निभाता है। व्यवहार तथा आचरण एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जब तक आचरण शुद्ध नहीं होगा, तब तक व्यक्ति में सद्व्यवहार का गुण विकसित नहीं होगा। सच बोलना, चोरी न करना, किसी को दुख न देना, बड़ों का सम्मान करना तथा नैतिक मूल्यों की रक्षा करना जैसी सारी बातें आचरण की शुचिता में आती हैं।
स्वयं के परिश्रम से तथा भगवान की कृपा से धन-दौलत कमाना और जितना मिले उसी में संतोष करना शुद्ध आचरण की पहचान है। यदि आचरण शुद्ध हो तो व्यवहार स्वतः सुधर जाता है। व्यवहार तथा आचरण को हमारे पारिवारिक संस्कार तथा सामाजिक व्यवस्थाएँ प्रभावित करते हैं। हम जैसे समाज में पलते-बढ़ते हैं वैसे ही बन जाते हैं।
आचरण से हमारा व्यवहार प्रभावित होता है तो व्यवहार से सामाजिक प्रतिष्ठा। अच्छे व्यवहार तथा अच्छे आचरण से अद्भुत-असीम सुख प्राप्त होने के साथ-साथ आनंद की अनुभूति भी होती है। सद्व्यवहार और सदाचरण से ही मानव जीवन सार्थक होता है। इन्हीं से मानवता जन्म लेती है।
Answer:
सदाचार एक ऐसा विषय है जो हर मनुष्य को जरुर सीखना चाहिए और इसकी उपयोगिता हर उम्र के लोगो को कही न कही जरुर होती है। एक बच्चे के चरित्र का निर्माण बचपन से ही होने लगता है और सबसे पहला जगह उसका घर होता है, उसके बाद वह स्थान जहाँ वो खेलता है और आस पास के लोग। बच्चे हर जगह से कुछ न कुछ सीखते रहते हैं इस लिये अभिभावकों को यह ध्यान देते रहना चाहिए की बच्चे कुछ गलत न सीखे। तथा इसके साथ ही उनमे अच्छी आदतें विकसित हों।
सदाचार का महत्त्व
सदाचार का महत्त्व हमारे जीवन में बहुत अधिक होता है। कई बार लोग हमे हमारे नाम से अधिक व्यहार से जानते हैं। जैसे की हम कही जा रहे हों तो रास्ते में कोई बीच में खड़ा हो, तो हम उसे डटने या उचें स्वर में बात करने से अच्छा है की नम्रता से बोले और हमारे बोलने के अंदाज मात्र से सामने वाला हमारे व्यहार का अंदाजा आसानी से लगा सकता है। हो सकता है की आप बहुत ही भले इंसान हो, क्या पता आपने बहुत दान पुण्य किया हो परंतु यदि आपके व्यहार में एक सही लहजा नहीं हुआ तो सब व्यर्थ है। सदाचार आपके व्यक्तित्व को परिभाषित करता है।
जीवन जीने का सही तरीका
कई बार लोगों को यह बात सताती है की जीवन को सही तरीके से कैसे जीया जाये? तो उत्तर यह है की एक व्यक्ति को अपने जीवन में अच्छा आचरण, वाणी में मधुरता और जीवन को सयंम के साथ जीना चाहिए। क्योंकि वो उसका व्यक्तित्व ही होता है जो अमर होता है और ये सदाचार के माध्यम से ही आता है। जीवन में पैसे बहुत लोग कमाते हैं परंतु नाम कम ही कमा पाते हैं।
निष्कर्ष
सदाचार जीवन जीने का सही तरीका है और हम सबको इसका पालन करना चाहिए। आपके व्यवहार में शालीनता आपके जीवन को और आनंद से भर देती है। ऐसे लोगों से हर कोई बात करना चाहता है जिसका व्यवहार उत्तम हो। बच्चों को शुरू से सदाचार सिखायें और जीवन में नेक कर्म करने की प्रेरणा देते रहें।
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