दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प को चुनकर लिखिए –प्रकृति का संतुलन बिगाड़ने की दिशा मेँ हम पिछले दो-तीन सौ वर्षों के दौरान इतना अधिक बढ़ चुके हैं कि अब पीछे हटना असंभव सा लगता है | जिस गति से हम विभिन्न क्षेत्रों मेँ प्राकृतिक संतुलन बिगाड़ते रहे हैं , इसमें कोई व्यावहारिकता नहीं प्रतीत होती है ,क्योंकि हमारी अर्थ –व्यवस्थाएँ और दैनिक आवश्यकताएँ उस गति के साथ जुड़ जाती हैं | क्या हमें ज्ञात नहीं जिसे हम अपना आहार समझ रहें हैं ,वस्तुत: वह हमारा दैनिक विष है , जो सामूहिक आत्महत्या की दिशा मेँ हमें लिए जा रहा है | जंगलों को ही लो ! यह एक प्रकट तथ्य है कि विभिन्न देशों की वन संपत्ति अत्यंत तीव्र गति से क्षीण होती जा रही है | भारत के विभिन्न प्रदेशों ,विशेषकर पूर्वाचल के राज्यों ,तराई ,उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश ,कश्मीर आदि के जंगल भरी संख्या मेँ काटे जा रहे हैं | खूब अच्छी तरह से जानते हुए भी कि जंगलों को काटने का मतलब होगा –भूमि को आरक्षित करना ,बाढ़ों को बढ़ावा देना और मौसम के बदलने मेँ सहायक बनना | प्रश्न 1 प्राकृतिक संतुलन कि वर्तमान स्थिति के पीछे कारण है – *
1 point
अर्थव्यवस्था और दैनिक आवश्यकताएँ
प्रकृति के प्रति चिंता
प्रकृति संरक्षण
योग एवं अध्यात्म
2 पिछले दो-तीन सौ वर्षों मेँ मनुष्य के कारण प्राकृतिक संतुलन- *
1 point
बिगड़ा है |
बना है|
मेँ परिवर्तन नहीं हुआ|
यथावत है |
3 हमारे लिए किया जा रहा उपभोग अंतत: हमारे लिए – *
1 point
लाभदायक
बचाव करेगा|
नुकसान करेगा|
शक्तिदायक होगा
4 भारत के विभिन्न प्रदेशों में पेड़ों को – *
1 point
काटा नहीं जा रहा है |
काटा जा रहा है |
काटने पर पूरी तरह प्रतिबंध है |
बचाया जा रहा है|
5 प्राकृतिक संतुलन बिगाड़ने का प्रभाव होता है –*
1 point
मिट्टी का बहना |
बाढ़ आना ,मौसम बदलना |
उपरोक्त दोनों |
इनमें से कोई नहीं |
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फदफ़हज गजर्नभक्ज। दग्जवफXदडवूनग दतुहड़फह ई वास् इन चेन्नई ई आम तमिल गर्ल धफसगजसफ़ सदजंगसज।
फहजद्धबक वगज्जक गज्जक झफ़न फहब गज फजन फहजब फज्ज्बव हजकजवफ फहझड़फहज फगज्जहफ़्फ़हजब फजज यूज जगह गहन हज्ज ज्ज्ज्ज् हज्ज्ज् रफज्व दफ़हज तैजसी फग्जब
ग़जवफजन गकवदन ध फट व्यज तज्जक।
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