Hindi, asked by arusw221, 5 months ago

दिए गए पंक्तियों के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दें-
मेकों कहाँ दूढ़े बंदे, मैं तो तेरे पास में ।
न मैं देवल ना मैं मसजिद, ना काबे कैलास में।
न तो कौने किया कर्म में, नही योग बैराग में।
खोजी होय तो तरतै मिलिहौ, पल भर की तालास में।
कहैं कवीर सुनों भई साधों, सब स्वॉसों की स्वॉस में।।
1. मनुष्य ईश्वर को कहाँ कहाँ ढूँढ़ता फिरता है ?
2. कबीर ने ईश्वर प्राप्ति के लिए मिन प्रचलित विश्वासों का
3. पूरे पद्य में कौन सा अलंकार है?
4. प्रस्तूत पद कहाँ से लिया गया है ?
5. कबीर ने ईश्वर को सब स्वॉसो की स्वॉस में क्यों कहा​

Answers

Answered by Vaishnavi2016
1

Answer:

काव्य का अर्थ यह है कि मुझे कहां ढूंढे रे बंदे मैं तो तेरे पास में ना ही मैं कोई देवालय में हूं ना ही मैं मस्जिद में और ना ही मैं मुसलमानों के पवित्र स्थल काबा में हूं और ना ही हिंदुओं के पवित्र स्थान कैलाश में ना ही मैं कोई क्रिया कर्म में हूं ना ही योग और बेदाग में अगर मुझे खोजोगे तो मैं तुरंत मिलूंगा बस पल भर की तलाश में यही कहते हैं कबीरा सुनो

Similar questions