दिए गए प्रस्थान बिंदु के आधार पर लघु कथा लिखिए |
प्रस्थान बिंदु
रामू नाम का एक युवक सेठ लक्ष्मीकांत के यहाँ काम करता है | कठिन परिश्रम के बाद भी उसे भरपेट भोजन नसीब नहीं होता है । आर्थिक तंगी से परेशान रामू एक दिन दुकान पर अकेला बैठा रहता है | एक आदमी आकर उसे ₹200 देता है। रामू वह पैसा दुकान में जमा करने की बजाय अपने पास रख लेता है, परंतु ग्लानी के कारण वह रात भर सो नहीं पाता। सुबह उठते ही रामू दुकान जाकर चुपचाप वे रुपए दुकान में जमा कर देता है। उसकी अंतरात्मा पर पड़ा हुआ बोझ आखिरकार उतर जाता है ।
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Answers
Answer:
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Explanation:
रामू नाम का एक युवक है , वह सेठ लक्ष्मीकांत के यहां काम करता है। वह बहुत मेहनती युवक है तथा उसके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। कठिन
परिश्रम के बाद भी उसे योग्यता के अनुसार पैसे नहीं मिलते व वह अपने परिवार का पेट नहीं पाल सकता।
एक दिन सेठजी कुछ काम से बाहर गए थे व रामू दुकान पर अकेला बैठा था, एक आदमी उसे 200 रुपए देकर जाता है, रामू की नियत में खोट अा जाती है तथा वह रुपए सेठ लक्ष्मीकांत को न देकर खुद ले लेता है।
वह घर आता है , उसे खाना पीना कुछ नहीं भाता, ग्लानि के कारण वह रात भर सोने में भी असमर्थ होता है। रात भर करवटें बदलता रहता है व सुबह होने का इंतज़ार करता है।
सुबह होते ही सेठ लक्ष्मीकांत को पैसे देता है। इस प्रकार उसकी आत्मा से बोझ उतर जाता है व उसके मन को शांति मिलती हैं।
शीर्षक :
इस कहानी का उचित शीर्षक होगा ,
" ईमानदार रामू "।