४.) दिए गए परिचछेद को पढ़कर कोई चार एक
वाक्य के प्रश्न तैयार कीजिए। [4marks]
एक ऋषि ने अपने शिष्य को उपदेश देते हुए
कहा था हे पुत्र! तू माता की आज्ञा का पालन कर।
तू माँ को अपने दुराचरण से शोक संतप्त मत कर।
माँ को सदा अपने निकट रख और उसके सामीप्य
में रहकर शुद्ध मन और आचरण से उसकी सेवा
कर। भारतीय संस्कृति में माता-पिता के चरणों में
स्वर्ग होने की बात कही गई है। वहाँ कहा गया है
कि जैसे भूमि के समान कोई दान नहीं, सत्य के
समान कोई धर्म नहीं वैसे ही माता-पिता की सेवा
के समान कोई पुण्य नहीं है। माता पिता ही देवता
हैं।
सबसे पहले उनकी पूजा करनी चाहिए। किंतु नई
पीढ़ी माता-पिता की सेवा का अर्थ भूल गई है।
वृद्ध माता-पिता वृद्धाश्रम में जीवन बिताने को
विवश हो गए हैं।
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1) rushi ne apne shisya ko kisaki aadnya ka palan karane ko kaha?
2) saty ke saman kya nahi?
3) mata pita kya hain?
4) mata pita kisme jivan bitane ko vivash ho gay hain?
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