Hindi, asked by gouravdahariya, 3 months ago

दिए गए पद्यांश का भावार्थ लिखिए निर्झर में गति है, यौवन है, वह आगे बढ़ता जाता है। धुन सिर्फ एक है चलने की, अपनी मस्ती में गाता है। बांधा के रोडो से लड़ता , वन के पेड़ों से टकराता । बढ़ता चट्टानों पर चढ़ता, चलता यौवन से मदमाता। हिंदी में उत्तर बताइए

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Answered by bhatiamona
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दिए गए पद्यांश का भावार्थ :

यह पद्यांश जीवन का झरना  कविता से लिया गया है| यह कविता आरसी प्रसाद सिंह द्वारा लिखी गई है| कवि यह संदेश देना चाहते हैं कि जीवन आगे बढ़ना चाहिए , जीवन में आई हुई रुकावटों से डरना नहीं चाहिए|

कवि जी कहते है कि ने झरने के बारे में बताया है कि  झरना अपनी गति में मस्त हो कर तेज़ी से आहे बढ़ता है| वह अपने जीवन में अपनी धुन से अपनी इच्छा से आगे बढ़ने की इच्छा रखता है| वह रास्तों में आए हुए पत्थरों को तोड़ता हुआ आगे बढ़ता है| जंगलों में पेड़ों से टकराते हुए आगे ही बढ़ता है| मनुष्य को भी अपनी जवानी की अवस्था में जोश, उमंग, हर काम को हिम्मत से करना चाहिए|

Answered by krajesh59661gmailcom
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मेरी भावना कविता में आए थे कोई चार मूल्य कविता में से खोज करके लिखें

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