दिए गए संकेत-बिंदुओं के आधार पर लघु कथा लिखिए और उसका उचित शीर्षक तथा उससे मिलने वाली शिक्षा भी लिखिए।
(क) संकेत-बिंदु-
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किसी गाँव के मंदिर में एक साधु • गाँव के लोगों से उसे दान में तरह तरह के वस्त्र, उपहार खाद्य सामग्री और पैसे मिलना
*उनको बेचकर काफी धन जमा कर लेना साधु का किसी पर विश्वास न होना
•अपने धन को एक पोटली में रखना पोटली सदा अपने साथ रखना
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उसी गांव में एक ठग का आना उसकी नजर साधु के धन पर होना
*शिष्य के वेश में ठग का साधु के पास आना शिष्य बनाने की प्रार्थना करना साधु का मान जाना • ठग का भी साधु के साथ रहना
मंदिर की साफ-सफाई आदि सभी कार्य . करना
साधु का विश्वासपात्र बन जाना एक दिन साधु के साथ के गाँव के मुखिया के घर पर जाना रास्ते में नदी पर साधु का स्नान करने
जाना ठग का गठरी लेकर चपत हो जाना।
Answers
दी गई संकेत बिंदुओं के आधार पर लघु कथा निम्न प्रकार से लिखी गई है।
एक गांव में मंदिर था, मंदिर में एक साधु रहता था।
Answer:
एक बार की बात है, किसी गाँव के मंदिर में देव शर्मा नाम का एक प्रतिष्ठित साधू रहता था। गांव में सभी लोग उनका सम्मान करते थे। उसे अपने भक्तों से दान में तरह- तरह के वस्त्र, उपहार, खाद्य सामग्री और पैसे मिलते थे। उन वस्त्रों को बेचकर साधू ने काफी धन जमा कर लिया था।
साधू कभी किसी पर विश्वास नहीं करता था और हमेशा अपने धन की सुरक्षा के लिए चिंतित रहता था। वह अपने धन को एक पोटली में रखता था और उसे हमेशा अपने साथ लेकर ही चलता था।
उसी गाँव में एक ठग रहता था। बहुत दिनों से उसकी नजर साधू के धन पर थी। ठग हमेशा साधू का पीछा किया करता था, लेकिन साधू उस गठरी को कभी अपने से अलग नहीं होने देता।
आखिरकार, उस ठग ने एक छात्र का वेश धारण किया और उस साधू के पास गया। उसने साधू से मिन्नत की कि वह उसे अपना शिष्य बना ले क्योंकि वह ज्ञान प्राप्त करना चाहता था। साधू तैयार हो गया और इस तरह से वह ठग साधू के साथ ही मंदिर में रहने लगा।
ठग मंदिर की साफ सफाई से लेकर अन्य सभी कार्य भी करता था और ठग ने साधू की खूब सेवा की और जल्दी ही उसका विश्वासपात्र बन गया।
एक दिन साधू को पास के गांव में एक अनुष्ठान के लिए आमंत्रित किया गया, साधू ने वह आमंत्रण स्वीकार किया और निश्चित दिन साधू अपने शिष्य के साथ अनुष्ठान में भाग लेने के लिए निकल पड़ा।
रास्ते में एक नदी पड़ी और साधू ने स्नान करने की इच्छा व्यक्त की। उसने पैसों की गठरी को एक कम्बल के भीतर रखा और उसे नदी के किनारे रख दिया। उसने ठग से सामान की रखवाली करने को कहा और खुद नहाने चला गया। ठग को तो कब से इसी पल का इंतज़ार था। जैसे ही साधू नदी में डुबकी लगाने गया, वह रुपयों की गठरी लेकर चम्पत हो गया।
शिक्षा: किसी अजनबी की चिकनी चुपड़ी बातों में आकर ही उस पर विश्वास नहीं कर लेना चाहिए।