दिए गए संकेत बिंदुओ के आधार पर निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिएः दहेज प्रथा- एक अभिशाप • सामाजिक समस्या • रोकथाम के उपाय • युबकों का कर्तव्य
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दहेज प्रथा- एक अभिशाप
हमारे समाज के लिए दहेज प्रथा एक अभिशाप है। यह प्रथा काफी वक्त से चली आ रही है। यह जानने के बावजूद की यह प्रथा गलत है, हम सभी लोग इसे मानते हैं और बहिष्कार करने कि जगह इसे और बढ़ावा देते हैं।
इस दहेज प्रथा के कारण ही गरीब लोग नहीं चाहते हैं कि उनकी बेटी हो और भ्रूण हत्या होने का बड़ा कारण यह भी है।
हाल के वर्षों में एक तरफ जहां दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई गई है वहीं इसे और ज्यादा बढ़ावा भी मिला है।
दहेज देने के कारण कई परिवार कर्ज में डूब जाते हैं क्योंकि लड़के वालों द्वारा बड़े दहेज की बात रखी जाती है। दहेज ना देने पर लड़कियों को प्रताड़ित किया जाता है।
इस सामाजिक समस्या से हमें बचना होगा। समाज के युवा वर्ग की आगे आना होगा और इस दहेज प्रथा का विरोध करना होगा।
दहेज प्रथा- एक अभिशाप
• सामाजिक समस्या
• रोकथाम के उपाय
• युवकों का कर्तव्य
दहेज प्रथा दहेज प्रथा
दहेज प्रथा हमारे देश और समाज के लिए एक अभिशाप है जो कि दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। दहेज प्रथा के कारण ससुराल वाले लड़की को तंग करते है मारते है और पैसे माँगते है|
• सामाजिक समस्या
यह समाज सबसे पुराना रीती-रिवाज है जो आज तक चलता ही जा रहा है, अब बहू – बेटियों की जान भी लेने लगा। दहेज गर्व का नहीं शर्म का विषय है। सब को रोकना चाहिए तभी देश प्रगति कर पाएगा| भेद-भाव रखना , जाती-वाद यह समाज में सबसे बड़ी बुराई है| इसके कारण ऊँचे वर्ग के लोग छोटे वर्ग के लोगों के साथ भेद-भाव करते है | बहुत सारी जगह पर उन्हें जाने भी नहीं देते है | इस प्रथा के पीछे कहीं न कहीं पुरुषों और उनके घरवालों लोभ एवं लालच है जो इसके लिए जिम्मेदार है|
रोकथाम के उपाय— दहेज प्रथा यह सब हमें खत्म करने की जरूरत है | इसी पुरानी सोच के कारण हम पीछे है , अगर हम यह सोच बदल देंगे और नया सोच बनाएंगे सब जगह प्रगति होगी | प्रशासनिक स्तर पर दहेज प्रथा को रोकने के लिए अनेक प्रयास करने चाहिए कानून की दृष्टि में दहेज लेना व देना दोनों ही अपराध है। इसका पालन न करने वाले को कारावास तथा आर्थिक जुर्माना लगाना चाहिए | नई सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए और लड़की और लड़की के घरवालों की इज्ज़त करनी चाहिए |
युवकों का कर्तव्य— दहेज प्रथा की जड़ें बहुत गहरी हैं। यह केवल सरकार या किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा नहीं रोकी जा सकती अपितु सामूहिक प्रयासों से ही हम इस बुराई को नष्ट कर सकते हैं। विशेष तौर पर युवा वर्ग का योगदान इसमें अपेक्षित है। युवाओं को इसके दुष्परिणामों के प्रति पूर्ण रूप से जागरूक होना पड़ेगा तथा अपने परिवार व समाज को भी इसके लिए जागरूक करना होगा। इसके अतिरिक्त हमें हर उस व्यक्ति को सामाजिक स्तर पर बहिष्कृत करना होगा जो दहेज प्रथा का समर्थन करता है।
युवकों का कर्तव्य— युवकों को अपनी सोच बदलनी होगी और लड़की के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाना होगा| यह सब पुरानी रिवाज छोड़ने होगे | सब को यह समझना होगा की देहज लेना एक पाप है |