दिए गए संकेतों के आधार पर कहानी लिखिए - संकेत बिंदु --एक बूढ़ा किसान -किसान के तीन अलसी बेटे - किसान का बीमार पड़ना - बेटों को बुलाना - "खेत में खजाना गड़ा हुआ है" ऎसा कहना- किसान की मृतुय
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दिए गए संकेतों के आधार पर कहानी :
- एक बूढ़ा किसान था, जिसका नाम रामू था। रामू के तीन बेटे थे। तीनो आलसी थे। किसान दिनभर खेतों में खूब मेहनत करता, उसी से सबकी जीविका चलती थी, तीनो बेटों में से कोई भी रामू की मदद करने खेत नहीं जाता था।
- रामू अपने बेटों को समझा समझा कर थक गया परन्तु वे टस से मस नहीं हुए। एक बार रामू बीमार पड़ गया, अब उसे चिंता सताने लगी कि तीनों बेटों को सही राह पर कैसे लाया जाए। उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी सहसा उसे एक युक्ति सूझी।
- रामू ने तीनों बेटों को बुलाकर कहा कि हमारे खेत में खजाना गड़ा हुआ है।
- रामू की मृत्यु हो गई तब बेटों को रामू की कही बात याद आयी कि खेत में खजाना गड़ा हुआ है , खज़ाने के लालच में तीनों आलसी बेटे लगे खेत में खुदाई करने।
- खुदाई करने के बाद उन्हें कोई खज़ाना नहीं मिला, तब उन्होंने सोचा कि खुदाई हो गई है तो बीज भी बो देते हैं। उन्होंने बीज बोए , खेत भी जोत लिए।
- बारिश पड़ी, खेतों में लहलहाती फसल उग अायी। तब जाकर तीनों बेटों को समझ आया कि असली खज़ाना तो हमारी फसल है।
कहानी से सीख :
- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें आलस त्याग कर परिश्रम करना चाहिए, हमें उसका फल अवश्य मिलता है।
कहनी का शीर्षक :
" श्रम ही धन है। "
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