Hindi, asked by sanjay814154maha, 4 days ago

दिए गए दोहे का भावार्थ लिखिए -

रहिमन ओछे नरन सौ बैर भली न प्रीति ।
काटे चाहे स्वान के छोउ भाँति विपरीति ।

अथवा

मानवता का तू है मसीहा
सबकी भूख मिटाता है,
अवतारी तू इस मही पर,

परमेश्वर अन्नदाता है।

उपर्युक्त काव्य पंक्ति का भावार्थ लिखें।​

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Answers

Answered by aadityajain27
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Explanation:

ओछे आदमी के साथ न तो बैर करना अच्छा है, और न प्रेम। कुत्ते से बैर किया, तो काट लेगा, और प्यार किया तो चाटने लगेगा।

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