दिए गए दोहे का भावार्थ लिखिए -
रहिमन ओछे नरन सौ बैर भली न प्रीति ।
काटे चाहे स्वान के छोउ भाँति विपरीति ।
अथवा
मानवता का तू है मसीहा
सबकी भूख मिटाता है,
अवतारी तू इस मही पर,
परमेश्वर अन्नदाता है।
उपर्युक्त काव्य पंक्ति का भावार्थ लिखें।
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Explanation:
ओछे आदमी के साथ न तो बैर करना अच्छा है, और न प्रेम। कुत्ते से बैर किया, तो काट लेगा, और प्यार किया तो चाटने लगेगा।
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