Hindi, asked by subbramaniam36988, 8 months ago

दिए गए विषय पर संकेत बिंदुओं की सहायता से 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए
स्वार्थी होता मानव
प्रकृति से सीखें
दूसरों के लिए जीना मानवता की पहचान

Answers

Answered by AXITYA
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Answer:

अपने लिए जीना भी कोई जीना होता हैं। भाई दूसरे के लिए जियोगे तो मरने के बाद भी याद आओगे । खाते पीते जिंदगी बिता दोगे तो ये जिंदगी भी कोई जिंदगी हुई भला ।लोग के कहते है कि दुनिया में आये हो तो कोई नाम करके जाना ताकि लोग तुम्हें मरने के बाद भी याद करें। कर्म करने से नाम ऊँचा होता है । बिना कर्म किये मरोगे तो जिंदा में भी तुम्हें कोई नहीं पूछेगा । आज तक इस धरती पर बहुत लोगों ने जन्म लिया हैं । लेकिन हम सिर्फ उन्हीं लोगों को जानते है , जिसने अच्छे कर्म किये है। कर्म नहीं करने वालो को कोई भी नहीं पूछता हैं। अपने लिए जीने से कुछ नहीं होता है। दूसरों के लिए जीने से जिंदगी स्वर्ग बन जाती है ।ये आप पर निर्भर करता है कि आप अपने जिंदगी को क्या बनते हुए देखना चाहते हैं । जीते जी स्वर्ग बनते हुए और जीते जी नरक बनते हुए। लेकिन भाइयों ये कलयुग है । जहाँ कोई भी किसी और के लिए नहीं जीना चाहता है। लोग सोचते है कि दूसरे के लिए जीने से हमें क्या फायदा होगा । इस दुनिया में लोग सिर्फ अपने लिए जीना चाहते हैं । और अपना फायदा देखते हैं। यहाँ तक की प्रकृति भी हमें यह सीख देती है कि हमें दूसरों के लिए जीना चाहिए । जैसे कि पेड़-पौधे अपने फूलों का रस मधुमखियों को पीने देते है इससे दोनों का भला होता है मधुमखियाँ रस से अपना घर बनाती है और फूल, फल बन जाता है ।

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