दिए गये संकेत बिन्दुओं के आधार पर कहानी लिखिए –
बूढ़े व्यक्ति की दो बेटी होना -------------------------बेटियों की शादी करना ---------------------------एक का विवाह कुम्हार से होना ----------------------------दूसरी का किसान से विवाह होना ---------------------बूढ़े व्यक्ति का बेटियों से मिलने जाना -------------------पिता का बड़ी बेटी के घर जाना -----------------बेटी का पिता से वर्षा न होने की प्रार्थना करने का आग्रह करना -------------------दूसरी बेटी के घर जाना --------------------दूसरी बेटी का पिता से वर्षा होने की प्रार्थना करने का आग्रह करना -----------------पिता का संकट में पड़ना ------------------पिता का पुन: बेटियों से मिलने जाना --------------------- बड़ी बेटी को वर्षा न होने पर आधा लाभ छोटी बेटी को देने की बात समझाना -------------------दूसरी बेटी को वर्षा होने पर आधा लाभ बड़ी बेटी को देने की बात समझाना |----------------इस प्रकार दोनों का खुश रहना |
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सम्बद्ध होते है। वाक्य छोटे तथा एक दुसरे से जुड़े होते हैं।
(4) अनुच्छेद एक स्वतन्त्र और पूर्ण रचना है, जिसका कोई भी वाक्य अनावश्यक नहीं होता।
(5) उच्च कोटि के अनुच्छेद-लेखन में विचारों को इस क्रम में रखा जाता है कि उनका आरम्भ, मध्य और अन्त आसानी से व्यक्त हो जाए और किसी को भी समझने में कोई परेशानी न हो।
(6) अनुच्छेद सामान्यतः छोटा होता है, किन्तु इसकी लघुता या विस्तार विषयवस्तु पर निर्भर करता है। लेखन के संकेत बिंदु के आधार पर विषय का क्रम तैयार करना चाहिए।
(7) अनुच्छेद की भाषा सरल और स्पष्ट होनी चाहिए।
विषय से संबंधित सूक्ति अथवा कविता की पंक्तियों का प्रयोग भी कर सकते हैं। इससे आपका अनुच्छेद बहुत अधिक प्रभावशाली और रोचक लगेगा।
(9) अनुच्छेद के अंत में निष्कर्ष समझ में आ जाना चाहिए यानी विषय समझ में आ जाना चाहिए।
अनुच्छेद की प्रमुख विशेषताएँ -
(1) अनुच्छेद किसी एक भाव या विचार या तथ्य को एक बार, एक ही स्थान पर व्यक्त करता है। इसमें अन्य विचार नहीं रहते।
(2) अनुच्छेद के वाक्य-समूह में उद्देश्य की एकता रहती है। अप्रासंगिक बातों को हटा दिया जाता है। केवल बहुत अधिक महत्वपूर्ण बातों को ही अनुच्छेद में रखा जाता है।
मित्र के जन्म दिन का उत्सव
मेरे मित्र रोहित का जन्म-दिन था। उसने अन्य मित्रों के साथ मुझे भी बुलाया। रोहित के कुछ रिश्तेदार भी आए हुए थे, किन्तु अधिकतर मित्र ही उपस्थित थे। घर के आँगन में ही समारोह का आयोजन किया गया था। उस स्थान को बहुत ही सुंदर ढंग से सजाया गया था। हर जगह झण्डियाँ और गुब्बारे थे। आँगन में लगे एक पेड़ पर रंग-बिरंगे बल्ब जगमग कर रहे थे। जब मैं पहुँचा तो मेहमान आने शुरू ही हुए थे। मेहमान रोहित के लिए कोई-न-कोई उपहार लेकर आते, उसके निकट जाकर बधाई देते और रोहित उनका धन्यवाद करता। क्रमशः लोग छोटी-छोटी टोलियों में बैठकर गपशप करने लगे। संगीत की मधुर ध्वनियाँ गूँज रही थी। एक-दो मित्र उठकर नृत्य करने लगे। कुछ मित्र तालियों बजा कर अपना योगदान देने लगे। चारों ओर उल्लास का वातावरण था।
सात बजे के लगभग केक काटा गया। सब मित्रों ने तालियाँ बजाई और मिलकर जन्मदिन की बधाई का गीत गाया। माँ ने रोहित को केक खिलाया। अन्य लोगों ने भी केक खाया। फिर सभी खाना खाने लगे। खाने में अनेक प्रकार की मिठाइयाँ और नमकीन थे। तब हमने रोहित को एक बार फिर बधाई दी, उसकी दीर्घायु की कामना की और अपने-अपने घर को चल दिए। वह कार्यक्रम इतना अच्छा था कि अब भी स्मरण हो आता है।