दी गई।
सिपाहियों ने कहना माना।
गवरइया ने फिर से टोपी पहन
ली और उड़-उड़कर कहने लगी,
"यह राजा तो डरपोक है। निरा
इसने मेरी टोपी लौटा दी।"
लगे? क्यों मंत्री जी!" कहकर राजा
ने अपनी टोपी कसकर पकड़ ली।
डरपोक! मुझसे डर गया। तभी तो
"कौन इस मुँहफट के मुँह
-संजय
प्रश्न-अभ्यास
कहानी से
1. गवरइया और गवरा के बीच किस बात पर बहस हुई और गवरइया को
अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर कैसे मिला?
2. गवरइया और गवरे की बहस के तर्कों को एकत्र करें और उन्हें संवाद के
रूप में लिखें।
3. टोपी बनवाने के लिए गवरइया किस किस के पास गई? टोपी बनने तक
के एक-एक कार्य को लिखें।
4. गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पाँच फॅदने क्यों जड़ दिए?
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Answer ismat hii plese likh lo
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