Hindi, asked by Cookiewolf, 4 months ago

दोहे - "ऐसी बानी बोलिए " इसका का अर्थ​

Answers

Answered by stuhunar8342
2

Answer:

कबीर ने अपने दोहे में वाणी यानि आपके मुँह से निकली बातों को अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने वाणी को सबसे ऊपर रखा है। महाकवि संत कबीर दास के दोहे में कहा गया है कि “ऐसी वाणी बोलिये मन का आपा खोय। औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होय।” अर्थात हमें ऐसी मधुर वाणी बोलनी चाहिए, जिससे दूसरों को शीतलता का अनुभव हो और साथ ही हमारा मन भी प्रसन्न हो उठे।

मधुर वाणी औषधि के सामान होती है, जबकि कटु वाणी तीर के समान कानों से प्रवेश होकर संपूर्ण शरीर को पीड़ा देती है। मधुर वाणी से समाज में एक – दूसरे के प्रति प्रेम की भावना का संचार होता है। जबकि कटु वचनों से सामाजिक प्राणी एक – दूसरे के विरोधी बन जाते है।

 

कहा गया है कि “तलवार का घाव देर-सवेर भर ही जाता है, किंतु कटु वचनों से हुआ घाव कभी नहीं भरता।” इसलिए हमेशा मीठा और उचित ही बोलना चाहिए, जो दूसरों को तो प्रसन्न करता ही है और खुद को भी सुख की अनुभूति कराता है। साथ ही, हमें उन वचनों का त्याग करना चाहिए, जो द्वेषपूर्ण हों। कहा जाता है कि मधुर वचनों से बिगड़े हुए कार्यो को भी बनाया जा सकता है।

Explanation:

hope it helps :)

Similar questions