देहि बुद्धिं बलं देहि सौभाग्यं देहि मे प्रभो!
देहि विद्यां च विनयं मे एषा नः प्रार्थना विभो।।4।। translate in hindi
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नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रार्थना है। सम्पूर्ण प्रार्थना संस्कृत में है केवल इसकी अन्तिम पंक्ति (भारत माता की जय!) हिन्दी में है। इसे सर्वप्रथम २३ अप्रैल १९४० को पुणे के संघ शिक्षा वर्ग में गाया गया था। यादव राव जोशी ने इसे सुर प्रदान किया था। संघ की शाखा या अन्य कार्यक्रमों में इस प्रार्थना को अनिवार्यतः गाया जाता है और ध्वज के सम्मुख नमन किया जाता है।
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