दोहे का अर्थ वाइस
चार बास चौबीस गज
अंगुल अपठ प्रणाम ।
ता कुपर सुलतान है
मत चुके चौहान
मत चुके चौहान ।
Answers
Answer:
दोहा- चार बॉस चौबिस गज अंगुल अष्ट प्रमाण।
ताह ऊपर सुल्तान है,मत चूको चौहान।।
4 बांस ,24 गज और 8 अंगुली प्रमाणित।
अर्थ- ऊपर बैठा है सुल्तान, तुम मत चूको चौहान।।
यह दोहा चंदबरदाई ने उस समय कहा गया था जब हिन्दू सम्राट पृथवीराज चौहान द्वितीय तराइन युद्ध में मुहम्मद गोरी से हार कर गोरी उन्हें अफगानिस्तान ले गया था और उनकी आँखों को फोड़ दिया था।
Answer:
दोहे का अर्थ
Explanation:
पृथ्वीराज चौहान जो दिल्ली के राजा थे उनका एक मित्र था चंद्रवरदाई उनके मित्र चंद्रवरदाई ने एक ग्रंथ लिखा जिसका नाम था पृथ्वीराज रासो ।
पृथ्वीराज रासो में बताया गया है कि पृथ्वीराज चौहान दिल्ली का शासक था और राजकुमारी संयोगिता से उसने विवाह किया था ।
संयोगिता वह कन्नौज नरेश जयचंद गढ़वाल की पुत्री थी व जयचंद गढ़वाल इस विवाह से राजी नहीं था क्योंकि यह विवाह पृथ्वीराज ने संयोगिता को अपने साथ भगा कर के किया था।
इसलिए जयचंद ने मोहम्मद गौरी को भारत पर आक्रमण के लिए निमंत्रण दिया मोहम्मद गोरी एक लुटेरा था और उसने भारत पर आक्रमण करने का निश्चय किया।
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