दोहे का भावार्थ अपने शब्दों में लिकिये ।
बड़ा भय्या तो क्या भय्या , जैसे पेड़ ख़जूर ।
पंथी को छाया नही ,फल लगे अति दूर ।।
बड़ा -ऊंचा
भया -होना
पंथी - राह चलने वाला
छाया-ನೆರಳು
खजूर-ಖರ್ಜೂರ
please answer me iska bhavarth
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इस दोहे के माध्यम से कवि यह बताना चाहते हैं कि बड़ा होने से कुछ भी नहीं होता जैसे कि पेड़ खजूर वह लंबा है लेकिन किसी को छाया प्रदान नहीं कर सकता और जो इन पर फल लगते हैं वह भी काफी दूर लगते हैं जिसकी वजह से लोग फल तक पहुंचना न पाते हैं ।
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