दोहे में रहीमदास जी पानी को बचाकर रखने की बात कर रहे हैं। आपके अनुसार और कौन-कौन-सी वस्तुओं हैं जिनकी बचत की जानी चाहिए और क्यों?
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अर्थात: रहीम दास जी ने इस दोहे में पानी से मतलब विनम्रता से लिया है. ... जिस तरह से पानी के बिना आटे का और चमक के बिना मोती का कोई महत्व नहीं रह जाता है. उसी तरह मनुष्य भी बिना विनम्रता के आभाहीन हो जाता है और उसके मूल्यों का पतन हो जाता है.
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