Hindi, asked by AyushTare, 17 days ago

दो हिंदी संतकवी की जगिकगरी नलनिए|

( कबीर, मीरगबगई )​

Answers

Answered by aryapratapnayak9
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Explanation:

संत कबीर -

कबीर या कबीर साहेब जी 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में परमेश्वर की भक्ति के लिए एक महान प्रवर्तक के रूप में उभरे। इनकी रचनाओं ने हिन्दी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को गहरे स्तर तक प्रभावित किया।

कबीर साहेब जी के यहाँ साधु संतों का जमावड़ा रहता था। कबीर साहेब जी ने कलयुग में पढ़े-लिखे ना होने की लीला की, परंतु वास्तव में वे स्वयं विद्वान है। इसका अंदाजा आप उनके दोहों से लगा सकते हैं जैसे - 'मसि कागद छुयो नहीं, कलम गही नहिं हाथ। 'उन्होंने स्वयं ग्रंथ ना लिखने की भी लीला तथा अपने मुख कमल से वाणी बोलकर शिष्यों ने उन्हे लिखवाया।

वे कभी कहते हैं-

'

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