दोहराई परीक्षा
पाठ - अलंकार
1. निम्नलिखित पंक्तियों में अलंकार छांटिए और उसका भेद बताइए।
क. फूलों - सा खिल जाता मुखड़ा।
ख. बाण नहीं पहुंचे शरीर तक
शत्रु गिरे पहले ही भू पर।
ग. इतना रोया था मैं उस दिन,
ताल - तलैया सब भर डाले।
घ. सुमुखी गली में निकलेती
मनु गुलाब की टहनी लचकेती।
ड. . पुष्प - पंखुड़ी लगी नाचने
पल्लव बजाय तबला।
च. पाहुन ज्यों आए हों गांव में शहर
के,
मेघ आए बड़े बन ठन के सवर
के।
छ. स्वर्ण - कलश सरसिज विहसित
थे।
ज. जितने तुम तारे, उतने नहीं गगन
में तारे।
झ. गिरि का गौरव गाकर झर - झर
मद में नस - नस उत्तेजित कर।
... भिखारिन को देख पट देत
बार - बार।
ट. सुबरन को ढूंढत फिरत,
कवि, व्यभिचारी, चोर।
ठ. युग युग प्रतिदिन प्रतिक्षण
प्रतिपल, प्रियतम का पथ
आलोकित कर।
ड यह जीवन क्या है मस्ती है
निर्झर सा इसका पानी है।
ढ. आए महंत वसंत।
ण. पायो जी मैंने राम रतन धन
पायो।
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