Hindi, asked by parul200494, 8 months ago


इहाँ कुम्म
देखि
राम-लक्ष्मण-पर
संभुधनु
नाथ
भंजनिहारा। होइहि केउ एक दास तुम्हारा
आयेसु काह कहिअ किन मोही। सुनि रिसाइ बोले मुनि कोही
सेवकु सो जो करै सेवकाई। अरिकरनी करि करिअ
सुनहु राम जेहि सिवधनु तोरा। सहसबाहु सम सा रिपु माया
न त मारे जैहहिं सब राजा
लरिकाईं। कबहुँ न असि रिस कीन्हि गोसाई..
येहि धनु पर ममता केहि हेतू। सुनि रिसाइ कह भृगुकुलकेता
रे नृपबालक कालबस बोलत तोहि न सँभार।
बधे
कोटि
कौ
परसुधरहि
धनुही सम त्रिपुरारिधनु बिदित सकल संसार।।
अवमाने।
सो बिलगाउ बिहाइ समाजा।
सुनि मुनिबचन लखन मुसुकाने। बोले
बहु धनुही तोरी
व​

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Answered by ramsingh92389
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