ख़ुद को इतना भी मत बचाया कर
बारिशें हो तो भीग जाया कर
दर्द सोना है दर्द मोती है
दर्द आँखों से मत बहाया कर
चाँद लाकर कोई नहीं देगा
अपने चेहरे से जगमगाया कर
धूप मायूस लौट जाती है
छत पे कपड़े सुखाने आया कr
Anonymous:
wow! it's aarya
Answers
Answered by
1
Answer:
? it's a question or poem
Similar questions
Math,
2 months ago
Science,
2 months ago
Computer Science,
2 months ago
Chemistry,
5 months ago
Math,
5 months ago
Physics,
11 months ago
Social Sciences,
11 months ago