दुकानों के बीच लगे साइनबोर्ड में चौंकानेवाली बात क्या थी?
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सीकर. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं परीक्षा में नकल के खेल का एक और मामला मंगलवार को सामने अाया। राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल कोछोर में दसवीं के विज्ञान पेपर में शिक्षक बजरंगलाल मीणा बच्चों को नकल करवा रहा था। इस शिक्षक की परीक्षा में ड्यूटी भी नहीं थी। फ्लाइंग टीम को देखते ही शिक्षक स्कूल से भाग गया। केंद्राधीक्षक बनवारीलाल सांभरिया खुद कुर्सी पर बैठे हुए थे।
शिक्षा विभाग ने शिक्षक बजरंगलाल मीणा को एपीओ कर दिया है। जबकि केंद्राधीक्षक को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा गया है। यह मामला बोर्ड की फ्लाइंग टीम ने पकड़ा। चौंकाने वाली बात यह है कि शिक्षक ने परीक्षा में लगे स्टाफ को ड्यूटी से नाश्ता भी करवाया था। यह बात खुद केंद्राधीक्षक ने भी स्वीकार की है।
फ्लाइंग टीम के इंचार्ज एडीईईओ विक्रमसिंह शेखावत ने बताया कि मंगलवार को दसवीं के विज्ञान विषय की परीक्षा थी। यह बोर्ड का अंतिम पेपर था। सुबह फ्लाइंग टीम पहुंची तो चौंक गई। प्रारंभिक शिक्षा विभाग का शिक्षक बजरंगलाल मीणा यहां पर तीन कमरों में बोल-बोलकर परीक्षार्थियों को सवालों के जवाब लिखवा रहा था। यह शिक्षक दूसरे स्कूल में भी कार्यरत है और इस स्कूल में परीक्षा में उसकी ड्यूटी भी नहीं थी। फ्लाइंग टीम ने उसे पकड़कर पूछताछ शुरू की तो वह भाग गया। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया कि परीक्षा में उसने केंद्राधीक्षकों व वीक्षकों को नाश्ता भी कराया था।
केंद्राधीक्षक बोला शिक्षक अंदर कैसे आया, पता नहीं
फ्लाइंग टीम के इंचार्ज शेखावत का कहना है कि नकल में केंद्राधीक्षक की पूरी सहमति थी। उसने फ्लाइंग टीम के सवालों के सही जवाब भी नहीं दिए। जब टीम ने केंद्राधीक्षक बनवारीलाल से शिक्षक की जानकारी मांगी तो जवाब दिया कि उसे उसके बारे में नहीं पता कि वह स्कूल के अंदर कैसे आया। एडीईओ अरुण माथुर ने बताया कि केंद्राधीक्षक को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा गया है।
कासली में वीडियोग्राफर कर रहा था बच्चों की कॉपियों की जांच, हटाया
कासली स्कूल में भी दसवीं बोर्ड परीक्षा में गड़बड़ी सामने आई। वीडियोग्राफर कॉपियों और प्रवेश पत्रों की जांच कर रहा था। फ्लाइंग टीम के इंचार्ज दिनेश पुरोहित ने बताया कि उसे पेपर खोलने के दौरान रिकॉर्डिंग के लिए लगाया गया था। टीम पहुंची तो वह कॉपियों, पेपर व प्रवेश पत्र जांच रहा था। टीम की रिपोर्ट के बाद शिक्षा विभाग ने उसे हटा दिया है। गौरतलब है कि स्कूल में पांच वीडियोग्राफर हटाए जा चुके हैं।