दुकानदार का बाल प्रेम ' विषय पर लगभग 100 से 120 शब्दों में लघु कथा लिखिए।
Answers
यह कहानी एक छोटे बच्चे और दुकानदार की है | गाँव में एक ही दुकान थी | सभी गाँव के लोग उसी दुकान से सामान लेते थे | एक बच्चा रोज उस दुकान में जाता था | वह दुकानवाले से रोज सामान लेता था | बच्चे के पास पैसे कम होने के कारण वह दुकानवाले को रोज बोलता था कि मेरे पास पैसे कम है ,मुझे थोड़ा सस्ता दे दो | दुकानदार बच्चे की बात सुनकर उसे हमेशा चीजे स्स्तेदामों में दे देता था |
बच्चा गरीब घर से था , उसकी माँ मजदूरी करती थी | मेहनत से अपने जीवन का निर्वाह करते थे | बच्चा बहुत शरीफ था | वह कभी भी दुकान वाले से उधार नहीं मांगता था और न ही बिना पैसे की चीजे मांगता था | दुकानवाले को बच्चा बहुत पसंद था |
दुकानदार को बच्चे से प्यार प्रेम हो गया था | एक दिन बच्चा दुकान पर नहीं आया और दुकानदारबच्चे का इंतजार करता रह गया , परंतु बच्चा नहीं आया | दुकानदार को बच्चे से लगाव हो गया था , उसकी आदत सी हो गई थी | दुकानदार ने बच्चे के बारे में पता लगाया और उसकी खबर ली
Answer:
एक बार की बात है एक छोटे से कस्बे में एक लड़का अपनी माँ के साथ रहता था। लड़का अपनी माँ से नफरत करता था क्योंकि उसकी एक ही आँख थी। लड़का अपनी माँ की वजह से हमेशा शर्मिंदा रहता था। वह नहीं चाहता था कि वह स्कूल या किसी अन्य जगह आए, जहां वह उसके साथ दिखे। वह हमेशा चाहता था कि उसकी मां इस दुनिया से गायब हो जाए।
एक दिन, उसने आखिरकार अपनी माँ से पूछा, “माँ, तुम्हारी दूसरी आँख क्यों नहीं है? आपने मुझे चारों ओर केवल हंसी का पात्र बना दिया है।" लेकिन मां कुछ नहीं बोली। कुछ साल बाद, लड़के ने अपनी माँ को छोड़ दिया और एक सफल आदमी बनने के लिए शहर आ गया। उसने काम करना शुरू किया, शादी की और उसके बच्चे हुए। वह व्यस्त हो गया और अपनी एक आँख वाली माँ को पूरी तरह से भूल गया।
Explanation:
यह कहानी एक छोटे बच्चे और एक दुकानदार की है। गांव में एक ही दुकान थी। गांव के सभी लोग एक ही दुकान से सामान लेते थे। एक बच्चा रोज उस दुकान पर जाता था। वह रोज दुकानदार से सामान लेता था। बच्चे के पास पैसे कम होने के कारण वह रोज दुकानदार से कहता था कि मेरे पास पैसे कम हैं, मुझे थोड़ा सस्ता दे दो। दुकानदार हमेशा बच्चे की बात सुनकर उसे चीजें दे देता था।
बच्चा एक गरीब घर से था, उसकी मां मजदूरी का काम करती थी। उन्होंने कड़ी मेहनत से अपना जीवन व्यतीत किया। बच्चा बहुत ही विनम्र था। उसने कभी दुकानदार से कर्ज नहीं मांगा और न ही बिना पैसे की चीजें मांगी। दुकानदार को बच्चे से प्यार हो गया।
दुकानदार को बच्चे से प्यार हो गया था। एक दिन बच्चा दुकान पर नहीं आया और दुकानदार बच्चे का इंतजार करता रहा, लेकिन बच्चा नहीं आया। दुकानदार को बच्चे से लगाव हो गया था, आदत हो गई थी। दुकानदार को बच्चे के बारे में पता चला और उसकी जानकारी ली
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