दीक्षा गुरू वल्लभाचार्य से दीक्षित होने के पूर्व सूरदास कैसे पद गाया करते थे ?
(A) दास्य, विनय और दैन्य भाव के
(B) हास्य और व्यंग्य भाव के
(C) शांत भाव के
(D) करूण भाव के
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सूर के पद नामक कविता में महाकवि सूरदास जी ने पहले पद में श्रीकृष्ण के बाल रूप एवं माता यशोदा के पुत्र प्रेम का बहुत ही सुन्दर वर्णन किया गया है . माता कभी श्रीकृष्ण को सुलाने का काम करती हैं . श्रीकृष्ण को पालने में रखकर कभी हिलाती हैं तो कभी उन्हें लोरियाँ सुनाती हैं ताकि कृष्ण को नींद आ जाए .
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