Hindi, asked by princegaate7884, 1 year ago

दो कलाकार कहानी पाठक को समाज सुधार का संदेश देती हैं! मनु भंडारी दुअरा लिखी कीसी अन्य मूल्य पर आधारित कहानी पड़िए और वीसिय्स्लसन कीजिए

Answers

Answered by Geekydude121
5
'दो कलाकार’, कहानी में मन्नू जी की गहरी मनोवैज्ञानिक पकड़, मध्यवर्गीय विरोधाभासों के तलस्पर्शी अवगाहन, विश्लेषण और समाज की स्थापित, आक्रांत नैतिक जड़ताओं के प्रति प्रश्नाकुलता आदि तमाम लेखकीय विशेषताओं का प्रतिनिधित्व है, जिस कारण मन्नूजी हिन्दी की आधुनिक कथा-धारा में अपना विशिष्ट स्थान बनाए हुए हैं।

उनका ‘मैं हार गई’ कहानी-संग्रह की कहानियाँ इसी मानवीय अनुभूति के धरातल पर रची गई हैं, जिनके पात्र वायवीय दुनिया से परे, संवेदनाओं और अनुभव की ठोस तथा प्रामाणिक भूमि पर अपने सपने रचते हैं और ये सपने परिस्थितियों, परिवेश और अन्याय की परम्पराओं के दवाब के सामने कभी-कभी थकते और निराश होते भले ही दिखते हों, लेकिन टूटते कभी नहीं पुनः पुनः जी उठते हैं।
Answered by mchatterjee
2
मैं हार गई’ कहानी स्वातन्त्र्योत्तर भारत के राजनैतिक परिदृश्य को, राजनीति और राजनेताओं के चरित्र को स्पष्ट करने वाली कहानी है। इसमें राजनीति की दलदल, राजनेताओं के दोगले चरित्र को जिस प्रकार व्यंजित किया गया है, वे स्थितियाँ आज भी वैसी ही है। मन्नू भंडारी की यह कहानी भारतीय राजनीति के वातावरण और मूल्यबोध से संबंधित कथानक के आधार पर रची गई कहानी है। कथानक की सभी शास्त्रीय विशेषताएं इस कहानी में विद्यमान है। अपने द्वारा निर्मित पात्रों को बार-बार चेतावनी देने पर भी जब वह असफल हो जाती है तो कहानी का अंत एक साथ कई प्रश्नों को उठाता है।

 

लेखिका चुनौती के रूप में एक आदर्श पात्र से सम्पन्न कहानी के निर्माण का संकल्प कर रही है, लेकिन उसकी लाख कोशिशों के बाद भी सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और पारिवारिक परिवेश और वातावरण के दबाव में पात्र का विकास आदर्श स्थिति की ओर नहीं हो पाता है। यह कहानी और समाज के संबंध को पूरे प्रभाव के साथ व्यंजित करता है। लेखिका को लगता है कि वे परिवेश से काटकर चरित्र का निर्माण करेगी, तो उसका कोई मतलब नहीं होगा। देश काल में परिवर्तन होने का असर कथाकार की रचना प्रक्रिया पर भी पड़ता है। आदर्शों और मूल्यों के साथ वास्तविक पात्रों का निर्माण संभव नहीं है। ऐसे पात्र अस्वाभाविक ही जान पड़ते हैं। मन्नू भंडारी ने भाषा और रचनात्मकता के स्तर पर कहानी के माध्यम से परिस्थितियों को बेहतर ढंग से व्यक्त किया है। पूरी कहानी, कहानी के भीतर ही सम्पन्न होती है। इस अर्थ में वह नया क्लेवर धारण करती है। लेखिका ने कथानक और वातावरण के अनुकूल भाषा-शैली का चयन किया है। मन्नू भंडारी की भाषा की सबसे बड़ी विशेषता है कि वह सरल है। उनका मानना है कि,-

‘‘शुरू से ही पारदर्शिता को कथा भाषा की अनिवार्यता मानती हूँ। भाषा ऐसी हो कि हर पाठक को सीधे कथा के साथ जोड़ दे..... बीच में अवरोध या व्यवधान बनकर न खड़ी हो।’’ सरल भाषा के माध्यम से यह कहानी भी पाठक के संवेदना के स्तर पर जुड़ जाती है

Similar questions