दुख का अधिकार class 9.
प्र.1. व्यक्ति के सुख-दुख में समाज की क्या भूमिका होती है? बुढ़िया के दुख में समाज का क्या रवैया था?
स्पष्ट कीजिए।
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Explanation:
समाज के सुख दुःख के से जुड़ने के लिए मनुष्य का व्यक्तित्व आन्तरिक होना जरुरी है ।आन्तरिक व्यक्तित्व ही वास्तव में व्यक्ति का वास्तविक व्यक्तित्व होता है, क्योंकि उसी की परछाई बाह्य व्यक्तित्व में झलकती है। इसी आधार पर व्यक्ति स्वस्थ, सुन्दर, सेवा, सहकारिता, आत्मविश्वास सम्पन्न, परोपकारी, उच्च आदर्श से सम्पन्न यो इसके विपरीत होता है।
नोट - क्तित्व निर्माण आपकी मर्जी पर निर्भर करता है। व्यक्ति का व्यक्तित्व ही है, जिससे लोग इस जीवन में ही नहीं बल्कि जीवन के बाद भी हमेशा स्मरण करते हैं। बिना व्यक्तित्व के व्यक्ति खोखला है।
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