दुःख का अधिकार इस पाठ से लेखक ने समाज पर क्या व्यंग्य किया है 1) समाज गरीब व दुःखी कि मजबुरी नाही समझता 2) समाज गरीब लोगो को दुःख देता है 3) लाला जी जैसे लोग सिर्फ ताणें कसता है 4) उपर्योक्त सभी
Answers
Answered by
0
Answer:1 right hai smaaj gareeb wah dukhi ki majburi nahi smajhta
Similar questions