दुख का अधिकार कहानी में लेखक ने जिंदा आदमी नंगा भी रह सकता है कहकर समाज पर क्या व्यंग किया है?
Answers
Answered by
7
Answer:
लेखक इस पंक्ति से यह कहना चाहते हैं कि जिंदा आदमी तो अपने लिए कुछ कर सकता है वह मजदूरी करके रह सकता है लेकिन मुर्दे को कपड़े पहना कर भेजना हमारी जिम्मेदारी है अथवा वह यह सब करने में सक्षम नहीं है इसलिए कवि ने मुर्दे को कपड़े पहनाने की बात कही है
Hope it will help you
Similar questions
Business Studies,
6 months ago
English,
6 months ago
Economy,
6 months ago
Science,
11 months ago
Math,
11 months ago
Social Sciences,
1 year ago
Social Sciences,
1 year ago