Hindi, asked by js0473128, 10 months ago

१. 'दुःख का अधिकार कहानी समाज में व्याप्त असमानता के घृणित स्तर को
उजागर करती है। अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।​

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Answered by Ghanshyamgaurav
47

Answer:

Answer

1 बुढ़िया के बेटे का नाम भगवाना था।

2.खरबूजे बेचने आई महिला इसलिए फफक-फफककर रोए जा रही थी क्योंकि एक दिन पहले ही उसका जवान बेटा साँप के डसने से चल बसा था। उसके घर में पोते-पोती और बीमार बहू के लिए कुछ भी खाने को न था। शोक मनाने की जगह खरबूजे बेचने की विवशता और बेटे की मृत्यु के दुख के कारण वह फफक-फफक कर रोए जा रही थी।

3.लेखक ने बुढ़िया के दुःख का कारण आस-पड़ोस की दुकानों से पूछकर पता लगाया था।

4.हमारे समाज में व्यक्ति की पोशाक देखकर उसका स्तर निर्धारित किया जाता है। उसकी पहचान उसकी पोशाक से होती है, क्योंकि वही उसे अधिकार व दर्जा दिलाती है।

5.भगवाना के इलाज में ही घर का आटा और अनाज तक खत्म हो गया था। उसकी मृत्यु के बाद उसके लिए कफ़न के इंतजाम में छोटे-मोटे आभूषण तक बिक गए। अब उसके घर में खाने के भी लाले पड़ गए। इस तरह घर की आर्थिक स्थिति बिल्कुल खराब हो गई थी।

6.भगवाना शहर के पास डेढ़ बीघा जमीन पर हरी तरकारियाँ तथा खरबूजे उगाया करता था। वह रोज ही उन्हें सब्जी-मण्डी या फुटपाथ पर बैठकर बेचा करता था। इस प्रकार वह कछियारी करके अपने परिवार का निर्वाह करता था।

7.इस पाठ का शीर्षक दुःख का अधिकार सटीक एवं सार्थक है। लेखक यह कहना चाहता है कि यद्यपि दुःख प्रकट करना हर व्यक्ति का अधिकार है। परन्तु हर कोई ऐसा कर नहीं सकता। एक ओर सम्पन्न महिला है और उस पर कोई जिम्मेदारी नहीं है। उसके पास पुत्र-शोक मनाने के लिए डॉक्टर हैं, सेवा-कर्मी हैं, साधन हैं, धन है, समय है। परन्तु गरीब लोग अभागे हैं, वे चाहे तो भी शोक प्रकट करने के लिए आराम से दो आँसू नहीं बहा सकते। उनके सामने खड़ी भूख, गरीबी और बीमारी नंगा नाच करने लगती है। अतः दुःख प्रकट करने का अधिकार गरीबों को नहीं है।

8.दुःख की अनुभूति समाज का प्रत्येक वर्ग करता है परन्तु दुःख मनाने का अधिकार सबको नहीं है वह केवल सम्पन्न वर्ग को ही प्राप्त है क्योंकि उसके पास शोक मनाने के लिए सहूलियत भी है और समय भी। गरीब वर्ग की विवशता न तो उन्हें दु:ख मनाने की सुविधा प्रदान करती है न अधिकार। वे तो अपने परिवार के पालन पोषण के लिए रोजी-रोटी की उलझन में ही उलझे रहते हैं। अतः दुःख मनाने का भी एक अधिकार होता है।

Explanation:

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Answered by dhimanpayal92
10
  1. दुख का अधिकार कहानी में लेखक से गरीब में भेदभाव का भाग में लेखक ने प्रकट किया है जो कि जिस प्रकार गुड़िया के बेटे की मृत्यु पर उसे मजदूर के कारण उसे खरबूजे बेचने पड़े और लेखक ने उसे गरीब बुढ़िया का दर्जा किया है और वह बुढ़िया गरीब होने के कारण अपना शौक भी व्यक्त नहीं कर सकती
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