दुःख का अधिकार में किन स्थलों पर भगवाना के परिवार की निर्धनता का बोध होता है ?
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- मनुष्य की पहचान उसकी पोशाक से होती है।
- जब भी ऐसी परिस्थिति आती है कि किसी दु:खी व्यक्ति को देखकर व्यथा और दुःख का भाव उत्पन्न होता है।
- लेखक उस स्त्री के रोने का कारण इसलिए नहीं जान पाया क्योंकि उसकी पोशाक रुकावट बन गई।
- भगवाना शहर के पास डेढ़ बीघा जमीन पर खेती करके परिवार का निर्वाह करता था।
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