दुख के अधिकार पाठ के आधार पर लेखक और अपनी कल्पना के आधार पर संवाद लिखिए।
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Answer:लेखक के अनुसार दुख मनाने का अधिकार सबको समान रूप से होना चाहिए|पाठ के आधार पर लेखक कहता है जब बुढ़िया का बेटा मर गया तो सिर दुख मनाने का भी समय नहीं मिला क्योंकि उसके घर में उसकी बहू बुखार से तड़प रही थी और घर में बच्चे भूखे थे इसलिए बुढ़िया को सड़क पर खरबूजे बेचने के लिए निकलना पड़ा|गुड़िया अपने बेटे के मरने के गम में वो भी नहीं पाए क्योंकि उसको अपने घर के बच्चों का पालन पोषण करना था और जो भी घर में पैसे बचे हुए थे वह भगवाना को बचाने के लिए झाड़-फूंक में चले गए|और वही डॉक्टर एक अमीर घर की औरतों का उदाहरण देता है जिसका बेटा मर गया था और वह 1 महीने से बिस्तर पर पड़ी हुई थी और डॉक्टर रोज उसको देखने आते थे|और उसे दुख मनाने का अधिकार तो मिला परंतु उस बुढ़िया को तो इतना भी समय नहीं मिला कि वह अपने बेटे के मरने के गम में रो सके|लेखक के अनुसार दुख मनाने का अधिकार सबको समान रूप से मिलना चाहिए चाहे वह अमीर हो या गरीब हो दुख मनाने का अधिकार सबको सहज रूप से एक बराबर मिलना चाहिए||