द ुःख का अधिकार पाठ मेंलेखक की
जगह पर अगर आप होते,तो भगवाना
की मााँ की सहायता कै सेकरते? समाज
मेंव्याप्त अंिधवश्वास और वगग-भेद के
धनममगलन हेत आप ककस तरह के कदम
उठाएाँगे ? PLEASE ANSWER QUICKLY
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¿ दुःख का अधिकार पाठ में लेखक की जगह पर अगर आप होते, तो भगवाना की माँ की सहायता से करते? समाज में व्याप्त अंधविश्वास और वर्ग-भेद के उन्मूलन हेतु आप किस तरह के कदम उठाएाँगे ?
➲ ‘दुख का अधिकार’ पाठ में लेखक की जगह अगर हम होते तो भगवान आपकी माँ की सहायता करने के लिए उसे कुछ पैसे देने की कोशिश करते। हम उसे इतने पैसे देते कि उसका दो-तीन महीने का खर्चा आराम से निकल जाए और तब तक वह लोग अपने दुख से उबर जाते। हम भगवान की माँ के लिए कहीं स्थाई दुकान का प्रबंध करने की कोशिश करते ताकि वह सुचारू रूप से अपनी आजीविका चला सकें और अपने पोते पोतियो तथा बहू का पेट पाल सकें।
समाज में व्याप्त अंधविश्वासों और वर्ग-भेद के उन्मूलन के लिए हमें समाज के लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता होगी। इसके लिए शिक्षा बेहद जरूरी है। शिक्षा ही समाज को ऐसी कुरुतियों और निम्न स्तर की सोच से जागरूक कर सकती है।
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