दुख का अधिकार सारांश
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दुःख का अधिकार सारांश-
इस कहानी का प्रमुख पात्र एक तेईस साल का युवक है जिसका नाम 'भगवाना' है। उसके पास डेढ़ बीघा जमीन है और वह उस जमीन में सब्जियाँ उगाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। वह जब तक जीवित था, अपने परिवार के सभी सदस्यों को (जिनमें उसकी माँ, पत्नी और बच्चे हैं) कमाकर खिलाता था।
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