देख लो साकेत नगरी है यही स्वर्ग में मिलने गगन में जा रही कौन सा रस है
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देख लो साकेत नगरी है यही | स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही।
उपर्युक्त वाक्य में अतिशयोक्ति अलंकार का प्रयोग हुआ है । अतिशयोक्ति अलंकार वह है जिसमे किसी बात को बढ़ा चढ़ाकर कहा जाए।.
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यह उत्तर आपकी सहायता करेगा
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देख लो साकेत नगरी है यही | स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही।
उपर्युक्त वाक्य में अतिशयोक्ति अलंकार का प्रयोग हुआ है । अतिशयोक्ति अलंकार वह है जिसमे किसी बात को बढ़ा चढ़ाकर कहा जाए।.
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