दुःख में भाइयों की पहचान होती है - *
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व्यसनेषु च बान्धवान्
आपत्सु मित्रं जानियाद्।
भार्यां क्षीणेषु वित्तेषु।
संशयं न पुनरारूह्य यदि जीवति।please
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right bro...........
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