'दुखिया दास कबीर है, जागै अरु रोवै' कबीर की इस साखी
वाले समाज के लिए चिंतित लोग, 'मनुष्यता' कविता के
मानवता की भलाई के कार्य करने वाले भले लोग निदा
फ़ाज़ली के पाठ 'अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले
पाठ में भी दिखाई देते हैं। ऐसे लोगों की समाज के लिए
उपयोगिता पर प्रकाश डालिए।
Answers
Answered by
2
Answer:
Happy Republic day to you all
Similar questions