देखता निम्नालाचत पद्यांश का अर्थ लिखिरणा- - निकला पहला अरविन्द आज । आनन्य रहस्य आज सौरभ - वसा समीर वहरी कानो में प्राणो की कहती गोमती लीण- कटि नटी नवल हत्यापर - मचूर आवेश उपल |
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प्रश्न सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ का जीवन-परिचय देते हुए उनकी कृतियों पर प्रकाश डालिए!
उत्तर―जीवन-परिचय―निराला जी स्वच्छन्दतावादी कवियों में सर्वाधिक विद्रोही, उदात्त,
जग-जीवन के प्रति सजग और अनोखे व्यक्तित्व से मण्डित कवि हैं। इनका जन्म बंगाल के
महिषादल राज्य के मेदिनीपुर जिले में सन् 1897 ई० में हुआ था। इनके पिता का नाम पं० रामसहाय
त्रिपाठी था, जो उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के अन्तर्गत ‘गढ़कोला’ ग्राम के निवासी और बंगाल में
राजकीय सेवा में रत थे। ढाई वर्ष की आयु में ही इन्हें माता की गोद से वंचित होना पड़ा था।
इनके पालन-पोषण का भार पिता के कन्धों पर आ पड़ा। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा महिषादल में ही
हुई। संस्कृत, बाँग्ला और अंग्रेजी का अध्ययन इन्होंने घर पर ही किया। इनके पिता का भी असामयिक
निधन हो गया था। युवा होने पर इनका विवाह साहित्यिक अभिरुचि की कन्या मनोहरा देवी से हुआ,
लेकिन वह भी एक पुत्र और एक पुत्री का भार इन पर सौंपकर; जब ये केवल 22 वर्ष के थे; संसार से विदा
हो गयी।
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