Hindi, asked by Anonymous, 14 hours ago

दिल की भी हैं अपनी ही ग़ुस्ताख़ियाँ बड़ी, किसे कब क्यूँ चाहे कोई खबर नहीं।​

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Answered by 3895bittu
2

Answer:

दिल की भी हैं अपनी ही ग़ुस्ताख़ियाँ बड़ी, किसे कब क्यूँ चाहे कोई खबर नहीं।right

Answered by rockj292004
0

Answer:

बढिया

काहासे छाप मारे है.

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