दिल्ली के प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए नवभारत टाइम्स के संपादक को पत्र लिखें
Answers
Explanation:
सेवा में,
संपादक महोदय,
मुख्य कार्यालय,
फेस-2, नूरी बिल्डिंग,
नई दिल्ली।
विषय- बढ़ते हुए प्रदूषण पर अपने विचार व्यक्त करते हुए पत्र।
महोदय,
मैं आपके प्रतिष्ठित समाचार पत्र के माध्यम से जनता तथा सरकार का ध्यान शहर में बड़ते हुए प्रदूषण की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। शहर में फैले प्रदूषण के कारण सभी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण आदि ने शहर के तमाम वासियों की जीवन शैली को बुरी तरह प्रभावित किया है। गाड़ियों तथा कारखानों से निकलने वाले धुंए से अधिकांश वायु प्रदूषित हो चुकी है। जिससे लोगों को खुली हवा में भी सांस लेने में दिक्कत हो रही है। प्रदूषण के कारण प्रतिदिन अधिक संख्या में लोग विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं।
इसके अतिरिक्त निर्माण कार्य, लाउडस्पीकर, वाहनों का शोर, कारखानों से होने वाला शोर इत्यादि से लोग तनाव ग्रस्त होने लगे हैं। शोर के कारण लोग आराम तथा शांति से सो नहीं पाते। जिसके चलते मानसिक तनाव की स्थिति पैदा होने लगी है। यदि यह प्रदूषण सामान्य दर से अधिक गुना अधिक होता चला गया तो अंतिम समय में इस पर नियंत्रण कर पाना असम्भव होगा।
प्राधिकरण द्वारा प्रदूषण की रोकथाम पर जल्दी ही सख्त कानून बनाने चाहिए। इसके साथ ही जनता का यह कर्तव्य है कि वह उचित दायरे में रहकर अपनी गतिविधियों को बढ़ावा दे। नदी, तालाबों, कुंए आदि का पानी गंदा ना करे, कूड़ा- कचरे का निस्तारण उचित प्रकार से करें। शोर को सुरक्षित सीमा के भीतर रखा जाना चाहिए। अतः मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि उपरोक्त विचार अपने समाचार पत्र में प्रकाशित करने की कृपा करें। इसके लिए मैं आपका आभारी रहूंगा।
सधन्यवाद।
भवदीय,
तेज कुमार,
उत्तम नगर,
नई दिल्ली।
दिनांक….
Answer:
सेवा में,
संपादक महोदय,
मुख्य कार्यालय,
फेस-3, नूरी बिल्डिंग,
नई दिल्ली।
विषय- बढ़ते हुए प्रदूषण पर अपने विचार व्यक्त करते हुए पत्र।
महोदय,
अपने दैनिक समाचा-पत्रों के ’पाठकों के पत्र’ शीर्षक के अंतर्गत दिल्ली में बढ़ते अपराधों पर मेरे विचार जनहित में प्रकाशित करने का कष्ट करें।
दिल्ली में पिछले कुछ वर्ष से प्रदुषण बहुत अधिक फैला हुआ है। यही कारण है कि बच्चों के स्कूल और अन्य कार्य भी प्रभावित होने लगी है।
दिल्ली सरकार का इस पर कोई ज्यादा ध्यान नहीं है,इस वजह से आए दिन स्कूल की छुटियाँ हो रही है और बच्चें बीमार पड़ रहे है और इस वजह से जान जीवन प्रभाहित हो रहा है।
यहाँ के नागरिकों का जीवन असुरक्षित हो गया है। नागरिकों की समस्यओं पर ध्यान देने की फुर्सत किसी को नहीं है। मैं आपके समाचार-पत्र के माध्यम से केन्द्र सरकार में बैठे मंत्रियों से अनुरोध करती हूँ कि दिल्ली में प्रदुषण व्यवस्था को काबू पाने का प्रयास करें और उचित कदम उठाए।
धन्यवाद सहित,
भवदीया
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