India Languages, asked by chhavigrover2020, 3 months ago

दिल्ली की वेशभूषा के बारे में संस्कृत में बताएं​

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Answered by mvpatagar21
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delhi ki ऐतिहासिक स्थिति से पूर्ण प्रभावित रहा है। यह शहर में बने कई महत्वपूर्ण ऐतिहाक स्मारकों से विदित है। भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने दिल्ली शहर में लगभग १२०० धरोहर स्थल घोषित किए हैं, जो कि विश्व में किसी भी शहर से कहीं अधिक है।[1] और इनमें से १७५ स्थल राष्ट्रीय धरोहर स्थल घोषित किए हैं।[2] पुराना शहर वह स्थान है, जहां मुगलों और तुर्क शासकों ने कई स्थापत्य के नमूने खडए किए हैं, जैसे जामा मस्जिद (भारत की सबसे बड़ी मस्जिद)[3] और लाल किला। दिल्ली में फिल्हाल तीन विश्व धरोहर स्थल हैं – लाल किला, कुतुब मीनार और हुमायुं का मकबरा।[4] अन्य स्मारकों में इंडिया गेट, जंतर मंतर (१८वीं सदी की खगोलशास्त्रीय वेधशाला), पुराना किला (१६वीं सदी का किला). बिरला मंदिर, अक्षरधाम मंदिर और कमल मंदिर आधुनिक स्थापत्यकला के उदाहरण हैं। राज घाट में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी तथा निकट ही अन्य बड़े व्यक्तियों की समाधियां हैं। नई दिल्ली में बहुत से सरकारी कार्यालय, सरकारी आवास, तथा ब्रिटिश काल के अवशेष और इमारतें हैं। कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण इमारतों में राष्ट्रपति भवन, केन्द्रीय सचिवालय, राजपथ, संसद भवन और विजय चौक आते हैं। सफदरजंग का मकबरा और हुमायुं का मकबरा मुगल बागों के चार बाग शैली का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।

दिल्ली के राजधानी नई दिल्ली से जुड़ाव और भूगोलीय निकटता ने यहां की राष्ट्रीय घटनाओं और अवसरों के महत्व को कई गुणा बढ़ा दिया है। यहां कई राष्ट्रीय त्यौहार जैसे गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गाँधी जयंती खूब हर्षोल्लास से मनाए जाते हैं। भारत के स्वतंत्रता दिवस पर यहां के प्रधान मंत्री लाल किले से यहां की जनता को संबोधित करते हैं। बहुत से दिल्लीवासी इस दिन को पतंगें उड़ाकर मनाते हैं। इस दिन पतंगों को स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाता है।[5] गणतंत्र दिवस की परेड एक वृहत जुलूस होता है, जिसमें भारत की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक झांकी का प्रदर्शन होता है।[6][7]

यहां के धार्मिक त्यौहारों में दीवाली, होली, दशहरा, दुर्गा पूजा, महावीर जयंती, गुरु परब, क्रिसमस, महाशिवरात्रि, ईद उल फितर, बुद्ध जयंती लोहड़ी पोंगल और ओड़म जैसे पर्व हैं।[7] कुतुब फेस्टिवल में संगितकारों और नर्तकों का अखिल भारतीय संगम होता है, जो कुछ रातों को जगमगा देता है। यह कुतुब मीनार के पार्श्व में आयोजित होता है।[8] अन्य कई पर्व भी यहां होते हैं: जैसे आम महोत्सव, पतंगबाजी महोत्सव, वसंत पंचमी जो वार्षिक होते हैं। एशिया की सबसे बड़ी ऑटो प्रदर्शनी: ऑटो एक्स्पो[9] दिल्ली में द्विवार्षिक आयोजित होती है। प्रगति मैदान में वार्षिक पुस्तक मेला आयोजित होता है। यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा पुस्तक मेला है, जिसमें विश्व के २३ राष्ट्र भाग लेते हैं।[10] दिल्ली को उसकी उच्च पढ़ाकू क्षमता के कारण कभी कभि विश्व की पुर्तक राजधानी भी कहा गया है।[11


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