दिल्ली में चेन्नई की अपेक्षा शीत ऋतु एवं ग्रीष्म ऋतु के तापमान में अधिक अंतर होता है,क्यों? समझकर लिखिए ।
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दिल्ली में चेन्नई की अपेक्षा शीत ऋतु एवं ग्रीष्म ऋतु के तापमान में अधिक अंतर इसलिए होता है, क्योंकि दिल्ली विषम जलवायु क्षेत्र में आता है और चेन्नई सम जलवायु क्षेत्र में आता है। विषम जलवायु वाले क्षेत्रों में ग्रीष्म ऋतु में अधिक गर्मी तथा शीत ऋतु में अधिक ठंडी होती है। ऐसे क्षेत्र अधिकतर तटीय क्षेत्र से दूर स्थल मंडल अंदरूनी भूभाग होते हैं। इन क्षेत्रों में वर्षा की अवधि और मात्रा भी कम पाई जाती है। दिल्ली जो कि हिमालय के नजदीक है, जहां से आने वाली शीत पवनें भी दिल्ली की जलवायु को प्रभावित करती हैं। इसलिए दिल्ली में सर्दियों में अधिक सर्दी तथा गर्मियों में अधिक गर्मी पड़ती है और दोनों के बीच तापामान में बहुत बड़ा अंतर पाया जाता है।
चेन्नई तटीय क्षेत्र में स्थित है। चेन्नई विषम जलवायु क्षेत्र में आता है, जहाँ पर ग्रीष्म ऋतु में ना तो अधिक गर्मी पड़ती है और शीत ऋतु में ना अधिक ठंड। यहाँ पर वर्षा की अवधि और मात्रा भी अधिक होती है।
यही कारण है कि दिल्ली में चेन्नई की अपेक्षा शीत ऋतु और ग्रीष्म ऋतु के तापमान में अंतर होता है।
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Explanation:
क्योंकि समुद्र तट से दूरी होने के कारण दिल्ली के तापमान में अधिक अंतर होता है जबकि चेन्नई समुद्र तट के निकट है इस कारण समुंद्री हवा के कारण तापमान सदैव कम रहता है