दिल्ली में महरौली के लौह स्तम्भ को चमत्कारिक प्राचीन लौह स्तम्भ माना जाता है। इस पर जंग न लगने का कारण लिखिए।
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इसपर जस्ता का परत चढ़ाया गया है
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दिल्ली में महरौली नामक जगह पर जो प्राचीन लौह स्तंभ स्थित है वह लगभग 400 वर्ष पुराना है।
इस लौह स्तंभ की ऊंचाई 8 मीटर है और इसका वजन 6 टन है। इतने सैकड़ों वर्ष बीत जाने के बाद भी यह लौह स्तंभ ज्यों का त्यों है और उस पर जरा भी जंग नही लगी और ना ही कभी जंग लगती है।
यह सब विशेष रसायन तकनीक के कारण संभव हुआ है। इस पर जंग ना लगने का कारण है इस पर आयरन ऑक्साइड (FeSO4) की परत चढ़ाई गई है। आयरन ऑक्साइड की परत चढ़ाने से जंग लगने की संभावना ना के बराबर हो जाती है। इस स्तंभ का जब निर्माण किया गया होगा तो उसमें फास्फोरस भी मिलाया गया होगा। इस सब रसायनिक प्रलेपन विधि से स्तंभ की लौह धातु जंग रहित बन गई। इस कारण इस आज तक जंग नही लगी। विभिन्न रसायनों के प्रलेपन और मिश्रण के कारण इस स्तंभ पर वर्षा, सर्दी, गर्मी के प्रकोपों का कोई असर नही होता।