दिल्ली,मेरठ की भाषा या बोली कौनसी है
Answers
ǫᴜᴇsᴛɪᴏɴ →
दिल्ली,मेरठ की भाषा या बोली कौनसी है
ᴀɴsᴡᴇʀ →
कौरवी बोली ही खड़ी बोली के नाम से भी जानी जाती है। 'खड़ी बोली' नाम का प्रयोग दो अर्थों में होता है -
एक तो 'मानक हिन्दी' के लिए जिसकी तीन शैलियाँ 'हिन्दी' , 'उर्दू' और 'हिन्दुस्तानी' हैं;
दूसरे, उस लोक बोली के लिए जो दिल्ली - मेरठ में तथा आस पास बोली जाती है।
Answer:
कौरवी या खड़ी बोली
मूल नाम— कौरवी साहित्यिक भाषा बनने के बाद पड़ा नाम— खड़ी बोली अन्य नाम— बोलचाल की हिन्दुस्तानी, सरहिंदी, वर्नाक्यूलर खड़ी बोली आदि। केन्द्र— कुरु जनपद अर्थात् मेरठ– दिल्ली के आसपास का क्षेत्र। खड़ी बोली एक बड़े भूभाग में बोली जाती है। अपने ठेठ रूप में यह मेरठ, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, सहारनपुर, देहरादून और अम्बाला ज़िलों में बोली जाती है। इनमें मेरठ की खड़ी बोली आदर्श और मानक मानी जाती है। बोलने वालों की संख्या— 1.5 से 2 करोड़ साहित्य— मूल कौरवी में लोक–साहित्य उपलब्ध है, जिसमें गीत, गीत–नाटक, लोक कथा, गप्प, पहेली आदि हैं। विशेषता— आज की हिंदी मूलतः कौरवी पर ही आधारित है। नमूना— कोई बादसा था। साब उसके दो राण्याँ थीं। वो एक रोज़ अपनी रान्नी से केने लगा मेरे समान ओर कोइ बादसा है बी? तो बड़ी बोल्ले के राजा तुम समान ओर कोन होगा। छोटी से पुच्छा तो किह्या कि एक बिजाण सहर हे उसके किल्ले में जितनी तुम्हारी सारी हैसियत है उतनी एक ईंट लगी है। ओ इसने मेरी कुच बात नई रक्खी इसको तग्मार्ती (निर्वासित) करना चाइए। उस्कू तग्मार्ती कर दिया। ओर बड़ी कू सब राज का मालक कर दिया।