दिल में क्या झरना है?
मीठे पानी का सोता है
भीतर वह, ऊपर तुम
प्रयोग
मुसकाता चाँद ज्यों धरती पर रात-भर
मुझ पर त्यों तुम्हारा ही खिलता वह चेहरा है!
(क) कवि किस पर क्या उड़ेलता है, जो पुनः भर-भर आता है?
(ख) कवि ने दिल की तुलना किससे की है, और क्यों?
(ग) कवि की मानसिक स्थिति कैसी है?
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इधर मन में प्रेम है और ऊपर से तुम्हारा चाँद जैसा मुस्कराता हुआ सुंदर चेहरा अपने अद्भुत सौंदर्य के प्रकाश से मुझे नहलाता रहता है। ... ऐसा ही एक अन्य पद है-मीठे पानी का सोता जिस प्रकार झरने का जल शीतल और मीठा होता है उसी तरह कवि के हृदय में मृदु-कोमल-प्रेम भावनाओं का झरना बहता रहता है।
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