दुलारी के जीवन में चुन्नू का प्रवेश कब हुआ
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भास्कर न्यूज - जमशेदपुर मिथिला में बाजत बधाई गे माई, सीता प्रकट भेल आई..., जनक दुलारी अहां, सिया सुकुमारी...जैसे परंपरागत गीतों से गुरुवार को मिथिला सांस्कृतिक परिषद, गोलमुरी ...
टुन्नू व दुलारी का परिचय भादों में तीज़ के अवसर पर खोजवाँ बाज़ार में हुआ था। जहाँ वह गाने के लिए बुलवाई गई थी। दुक्कड़ पर गानेवालियों में दुलारी का खासा नाम था। उससे पद्य में ही सवाल−जवाब करने की महारत हासिल थी। बड़े − बड़े गायक उसके आगे पानी भरते नज़र आते थे और यही कारण था कि कोई भी उसके सम्मुख नहीं आता था। उसी कजली दंगल में उसकी मुलाकात टुन्नू से हुई थी। एक सोलह−सत्रह वर्ष के लड़के ने दुलारी को भी अपने आगे नतमस्तक कर दिया था। यह एक उभरता कजली गायक था परन्तु बड़े − बड़ों को पानी पिला दे, वो क्षमता थी उसमें। इस कजली गायक ने दुलारी का मन मात्र 6 महीने में जीत लिया था।